What Does Shiv chaisa Mean?
What Does Shiv chaisa Mean?
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शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
O Universal Lord, each and every early morning being a rule I recite this Chalisa with devotion. Be sure to bless me so that I might be able to accomplish my substance and spiritual wishes.
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
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सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
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त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख more info हरहु हमारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान more info पूर्वक होम करावे ॥